Breaking News: Give cash directly to hard-hit families not loans: Rahul Gandhi – जरूरतमंदो को पैसे दे सरकार,लोन नहीं : राहुल गांधी
जरूरतमंदो को पैसे दे सरकार,लोन नहीं : राहुल गांधी

राहुल गांधी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वायरस की सिचुएशन सब जानते हैं, देश में जो हालत हैं, वो आपके सामने हैं, बिल्कुल क्लीयर है। कुछ दिन पहले सरकार ने स्टेप्स लिए और मैं इन स्टेप्स के बारे में थोड़ा सा कहना चाहता हूं। देखिए, पूरा देश कठिनाई में है, लोग भूखे हैं, प्यासे हैं, सड़कों पर चल रहे हैं। जब बच्चों को चोट लगती है, तो मां बच्चे को कर्ज देने की बात नहीं करती, मां सबसे पहले बच्चे का जख्म देखती है और जो मेरी निराशा है और मैं राजनीतिक तौर से नहीं बोल रहा हूं, मैं हिंदुस्तान की जनता की ओर से बोल रहा हूं- जो पैकेज होना चाहिए, वो कर्ज का पैकेज नहीं होना चाहिए। आज डॉयरेक्ट किसानों की जेब में, मजदूरों की जेब में, जो हमारे माईग्रेंट वर्कर जो पैदल चल रहे हैं, उनकी जेब में एकदम सीधे पैसे डालने की जरुरत है और मैं आज भी विनती करता हूं, सरकार से विनती करता हूं कि आप कर्ज जरुर दीजिए, मगर भारत माता को अपने बच्चों के लिए साहूकार का काम नहीं करना चाहिए। भारत माता को अपने बच्चों को एकदम सीधा पैसा देना चाहिए, क्योंकि आज उनको पैसे की जरुरत है। जो माईग्रेंट सड़क पर चल रहा है, उसे कर्ज की जरुरत नहीं है, उसे जेब में पैसे की जरुरत है। जो किसान तड़प रहा है, उसे कर्ज की जरुरत नहीं है, उसे पैसे की जरुरत है और सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है।
तो ये एक मेरा मैन मैसेज था, राजनीतिक मैसेज नहीं है, मैं ये इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि ये जरूरी है। देखिए, जब मां अपने बच्चों को पैसा देती है, उसके दो कारण होते हैं- सबसे बड़ा कारण प्यार होता है कि मां-बाप अपने बच्चों को प्यार करते हैं। फिर दूसरा कारण होता है – बच्चा माता-पिता का भविष्य भी होता है। ये जो लोग आज तड़प रहे हैं, ये जो लोग आज सड़क पर भूखे-प्यासे चल रहे हैं, ये हिंदुस्तान के भविष्य हैं और ये हमारे भाई हैं, ये हमारी बहनें हैं, ये हमारे माता-पिता हैं, इन्हें हमें पूरा समर्थन करना है।
मैं आपको- रिपोर्टर्स को धन्यवाद करना चाहता हूं कि आप खड़े हुए और आपने जो हिंदुस्तान में हो रहा है, सड़कों पर हो रहा है, हाईवे पर हो रहा है, वो आपने पूरे देश को दिखाया, तो आपने भी ये अच्छा काम किया। हमारी भी जिम्मेदारी बनती है, अपोजिशन की भी जिम्मेदारी बनती है, सरकार की भी जिम्मेदारी बनती है, हम सबको एक साथ काम करना है, मगर मैं विनती करता हूं कि आज जो हमारी जनता है, जो गरीब जनता है, उनको पैसे की जरुरत है और नरेन्द्र मोदी जी को, मैं प्यार से बोल रहा हूं कि इस पैकेज को रिकंसिडर (पुनर्विचार) करना चाहिए और इसमें डॉयरेक्ट ट्रांसफर की जो हमने बात की थी, सीधा का सीधा बैंक अकाउंट में जो पैसा डालने की बात की थी, 200 दिन के लिए मनरेगा की जो बात की थी, किसानों को डॉयरेक्ट पैसा देने की जो बात की थी, उसके बारे में नरेन्द्र मोदी जी सोचें, क्योंकि ये जो लोग हैं, ये हमारा भविष्य हैं, इन्हीं लोगों ने हिंदुस्तान को खड़ा किया है।

मैंने सुना है कि पैसे ना देने का कारण हमारी (इंटरनेशनल) रेटिंग्स कम होने की बात है। कहा जा रहा है कि अगर हमने आज थोड़ा डेफिसिट बढ़ा दिया, तो जो बाहर की एजेंसियां हैं, वो हिंदुस्तान की रेटिंग डाउन कर देंगी और हमारा नुकसान होगा। मैं प्रधानमंत्री जी से निवेदन करना चाहता हूं कि हमारी जो रेटिंग है, वो हिंदुस्तान की जनता बनाती है, हमारी जो रेटिंग है, उसको हमारे किसान बनाते हैं, मजदूर बनाते हैं, छोटे बिजनेस वाले बनाते हैं, बिग बिजनेस वाले बनाते हैं, आज उनको हमारी जरुरत है, उनको पैसे की जरुरत है। रेटिंग के बारे में आज मत सोचिए, विदेश के बारे में आज मत सोचिए, आज हिंदुस्तान के बारे में सोचिए और इनको एकदम आप पैसे दीजिए और देखिए, जैसे ही ये लोग काम करना शुरु करेंगे, रेटिंग बिल्कुल सही हो जाएगी, कोई प्रॉब्लम नहीं आएगी रेटिंग में। हमें हिंदुस्तान के दिल को देखकर डिसीजन लेना है, विदेश को देखकर डिसीजन नहीं लेना है।
